आज के इस अंक में हम एक ऐसे अभिनेता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो रातोंरात प्रसिद्ध नहीं हुए, लेकिन जब उन्होंने सफलता पाई, तो उनकी चमक ने सबका ध्यान खींचा। अविनाश तिवारी की कहानी दृढ़ संकल्प की मिसाल है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में स्टूडियो के बाहर अपने प्रदर्शन की डीवीडी बांटी, और अब वह भारत के सबसे बड़े OTT शो का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन, के के मेनन और प्रतीक गांधी जैसे दिग्गजों के साथ काम किया है।
अविनाश ने 2009 में फिल्म 'सुनो ना.. एक नन्ही आवाज' से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उनकी असली पहचान 2018 में 'लैला मजनू' के साथ बनी, जिसे इम्तियाज अली ने प्रस्तुत किया। हालांकि, उनकी दिल को छू लेने वाली परफॉर्मेंस के बावजूद, यह फिल्म तीन दिन में ही सिनेमाघरों से हटा दी गई। अविनाश ने कई इंटरव्यू में बताया है कि यह उनके लिए कितना निराशाजनक था, खासकर जब उन्होंने इस पल के लिए एक दशक से अधिक समय तक तैयारी की थी। बाद में, इस फिल्म ने OTT पर एक कल्ट फॉलोइंग हासिल की और 2024 में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हुई।
गोपलगंज, बिहार में जन्मे अविनाश ने तीन साल की उम्र में अपने परिवार के साथ मुंबई का रुख किया। उन्होंने पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन चौथे सेमेस्टर में इसे छोड़कर अभिनय के अपने जुनून का पीछा करने का निर्णय लिया। उन्होंने बैरी जॉन के तहत अध्ययन किया और बाद में न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी में अपने कौशल को निखारा। लेकिन इस पेशेवर प्रशिक्षण के बावजूद, उन्हें बॉलीवुड में प्रवेश पाने में कठिनाई हुई।
लैला मजनू के बाद, उन्होंने नेटफ्लिक्स की 'बुलबुल' (2020) में सत्या का किरदार निभाया, जिसे कहानी में गहराई जोड़ने के लिए सराहा गया। 2022 में, उन्होंने 'खाकी: द बिहार चैप्टर' में गैंगस्टर चंदन महतो की भूमिका निभाई और इसके बाद 'बम्बई मेरी जान' (2023) में दारा कादरी के रूप में एक ठंडे खौफनाक किरदार में दर्शकों को चौंका दिया। 2024 की फिल्म 'मडगांव एक्सप्रेस' में भी उनकी परफॉर्मेंस को सराहा गया।
हाल ही में एक इंटरव्यू में, अविनाश ने बताया कि कई लोगों ने सोचा था कि 'लैला मजनू' के बाद उनका करियर खत्म हो गया है। लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया। उन्होंने कहा, "अगर मैं कुछ रातोंरात खो सकता हूं, तो मैं इसे समय के साथ वापस भी पा सकता हूं।"
अविनाश तिवारी की यात्रा यह साबित करती है कि असली प्रतिभा हमेशा अपनी पहचान बनाती है।
You may also like
प्लेऑफ से बाहर होने पर बोले एसआरएच कोच विटोरी- हर बार आक्रामकता नहीं, हालात के हिसाब से खेली टीम
वैभव सूर्यवंशी के फैन पीएम मोदी भी, विस्फोटक पारी की तारीफ करते हुए कहीं ये बातें
Result 2025- MBOSE ने 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 का परिणाम जारी किया, ऐसे करें चेक
Result 2025- गुजरात 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 का परिणाम जारी, ऐसे करें चेक
हवा में उड़कर आया है ये जैन मंदिर, नींव ना मिलने से वैज्ञानिक भी हैरान, यहां जानें रहस्य' 〥